मुस्कुराने से शुरू और रुलाने पे खतम…। ये वो जुल्म हैं जिसे लोग मोहब्बत कहते हैं…
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मोहब्बत रूह में
मोहब्बत रूह में उतरा हुआ मौसम है जनाब, ताल्लुक कम करने से मोहब्बत कम नही होती !
खूब अदा है
आपके चलने की भी क्या खूब अदा है.. तेरे हर कदम पे एक दिल टूटता है..!
ज़हर पिला दो
आज इतना ज़हर पिला दो की मेरी साँस ही रुक जाये, सुना है साँस रुकने पर बेवफा भी देखने आती है ।
उम्र भर का
कौन देता है उम्र भर का सहारा लोग तो जनाजे में भी कंधे बदलते रहते हैं
खुला रखता हुँ
दिल के दरवाजों को हमेशा ही खुला रखता हुँ, कहा है उसने “देर लगेगी पर आयेंगी जरूर”
मैं वो हूँ
मैं वो हूँ जो कहता था की इश्क़ मे क्या रखा है.. आज कल एक हीर ने मुझे रांझा बना रखा है ..