समझा जिसे सिर्फ इक दिल का सौदा, वो इश्क़ तो पूरा कारोबार निकला ।।
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चंद लफ़्ज़ों की
चंद लफ़्ज़ों की तक्कल्लुफ़ में ये इश्क़ रुक गया…. वो इंतज़ार पे रुके रहे और मैं इक़रार पे रुक गया ।।
ये मशवरा है
ये मशवरा है की पत्थर बना के रख दिल को। ये आइना ही रहा तो जरूर टूटेगा।।
तेरे चले जाने से
तेरे चले जाने से, मुझे ग़ज़लो का हुनर आया, लिखा पहले भी बहुत,पर असर अब आया..!!
एक था राजा
एक था राजा, एक थी रानी, दोनों मर गए, खत्म कहानी कुछ याद आया, सबने भूतकाल में सुना होगा ! अब भविष्य की सुनो कोख से बेटी, धरती से पानी दोनों मिट गए, खत्म कहानी………
उदास दिल है
उदास दिल है मगर मिलता हूँ हर एक से हँसकर.. यही एक अजब हुनर सीखा है मैंने बहुत कुछ खो देने के बाद…
सुखे पत्तों की तरह
सुखे पत्तों की तरह बिखरा हुआ था मैं , किसी ने बड़े प्यार से समेटा……. .फिर आग लगा दी !
इतना क्यों चाहा
इतना क्यों चाहा तुमने मुझसे मैं खुद से कितना दूर हो गया जिन्दा रखने आशाए तुम्हारी सब सहने को मजबूर हो गया इस प्यार ने जीवन में मुझको हरदम इतना तड़पाया है जब चाह हुई है हँसने की आँखों से पानी आया है.
मेरी उम्र तेरे ख्याल में
मेरी उम्र तेरे ख्याल में गुज़र जाए.. चाहे मेरा ख्याल तुझे उम्रभर ना आए..!!
कभी इतना मत मुस्कुराना
कभी इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए जमाने की, हर आँख मेरी तरह मोहब्बत की नही होती….!!!