हम निगाहों में थे

उसके तेवर समझना भी आसां नहीं बात औरों की थी, हम निगाहों में थे

तेरा अक्सर यूँ भूल जाना

तेरा अक्सर यूँ भूल जाना मुझको अगर दिल ना दिया होता तो तेरी जान ले लेते…!!

अगर फुर्सत के लम्हों मे

अगर फुर्सत के लम्हों मे आप मुझे याद करते हो तो अब मत करना.. क्योकि मे तन्हा जरूर हुँ, मगर फिजूल बिल्कुल नही.

क्या पूछता है

क्या पूछता है हम से तू ऐ शोख़ सितमगर, जो तू ने किए हम पे सितम कह नहीं सकते…

तुम हवा बन सको

तुम हवा बन सको , नाप लू में गगन पर में कैसे लडू , तेज़ तूफ़ान से और छोड़ा अगर तुमने तीर ए नज़र ये परिंदा चला जायेगा जान से|

ना दिल से होता

ना दिल से होता है, ना दिमाग से होता है; ये प्यार तो इत्तेफ़ाक़ से होता है; पर प्यार करके प्यार ही मिले; ये इत्तेफ़ाक़ भी किसी-किसी के साथ होता है।

तेरे मैखाने का

तेरे मैखाने का दस्तूर भी अजीब है साकी शराब उनको मिलती है …जिनको पीना नहीं आता…

सर में दर्द का बहाना

सर में दर्द का बहाना करके, हम टूट के रोते है तेरी यादों में अक्सर|

हद से बढ़ जाये

हद से बढ़ जाये तालुक तो गम मिलते हैं.. हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम मिलते हँ..

हाँथों की उन लकीरों को

हाँथों की उन लकीरों को ढूंढ रहा हूँ , जिन में तू सिर्फ़ और सिर्फ़ मेरी लिखी गई है|

Exit mobile version