छोड़ दिया सबको बिना वजह तंग करना, जब कोई अपना समझता ही नहीं तो उसे अपनी याद क्या दिलाना !!
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कब लोगों ने
कब लोगों ने अल्फ़ाज़ के पत्थर नहीं फेंके वो ख़त भी मगर मैंने जला कर नहीं फेंके ठहरे हुए पानी ने इशारा तो किया था कुछ सोच के खुद मैंने ही पत्थर नहीं फेंके इक तंज़ है कलियों का तबस्सुम भी मगर क्यों मैंने तो कभी फूल मसल कर नहीं फेंके वैसे तो इरादा नहीं… Continue reading कब लोगों ने
दर्द बहुत वफ़ादार होता है
दर्द बहुत वफ़ादार होता है… काश इसे देने वाले में भी ये बात होती…
क्या पूछता है
क्या पूछता है हम से तू ऐ शोख़ सितमगर, जो तू ने किए हम पे सितम कह नहीं सकते…
हमको ख़ुशी मिल भी गई
हमको ख़ुशी मिल भी गई तो कहा रखेगे हम आँखों में हसरतें है तो दिल में किसी का गम
वो जिसका बच्चा
वो जिसका बच्चा आठों पहर से भूखा हो बता खुदा वो गुनाह न करे तो क्या करे|
मैं अपनी चाहतों का
मैं अपनी चाहतों का हिसाब करने जो बेठ जाऊ तुम तो सिर्फ मेरा याद करना भी ना लोटा सकोगे ….
तुजसे एक सवाल है
एय खुदा … तुजसे एक सवाल है मेरा … उसके चहेरे क्यूँ नहीं बदलते ?? जो इन्शान ” बदल ” जाते है …. !!
कोई तो बात हैं
कोई तो बात हैं तेरे दिल मे जो इतनी गहरी हैं कि तेरी हँसी तेरी आँखों तक नहीं पहुँचती |
रूठना मत कभी
रूठना मत कभी हमसे मना नही पायेंगे….. तेरी वो कीमत है मेरी जिंदगी में कि शायद हम अदा नहीं कर पायेंगे…