आजाद कर दो

आजाद कर दो उन्हे जो रिश्तो को मजाक समझते है आजाद कर दो उन्हे जिनकी फितरत धोखा और फरेब है|

खुद पुकारेगी मंजिल तो

खुद पुकारेगी मंजिल तो ठहर जाऊंगा….!! वरना मुसाफिर खुद्दार हूं यूँ ही गुजर जाऊंगा….!!

आसान नही है

आसान नही है हमसे यूँ शायरिओं में जीत पाना, हम हर एक शब्द मोहब्बत में हार कर लिखते है।

फितरत कसी की

फितरत कसी की यूँ ना आजमाया कर ए जिंदगी, हर शख्स अपनी हद में लाजवाब होता है।

चाँद ने चाँदनी को

चाँद ने चाँदनी को याद किया; प्यार ने अपने प्यार को याद किया; हमारे पास न चाँद है न चाँदनी; इसलिए हमने अपने प्यारे दोस्त को याद किया।

अब हिचकियाँ आती हैं

अब हिचकियाँ आती हैं तो पानी पी लेते हैं ये वहम छोड़ दिया हैं कि कोई याद करता हैं…

ऊपर वाले मेरी

ऊपर वाले मेरी तक़दीर सम्भाले रखना..! जमींन के सारे खुदाओं से उलझ बैठा हूँ मैं..!!

तेरे इश्क़ का चर्चा

दुनिया में तेरे इश्क़ का चर्चा ना करेंगे, मर जायेंगे लेकिन तुझे रुस्वा ना करेंगे, गुस्ताख़ निगाहों से अगर तुमको गिला है, हम दूर से भी अब तुम्हें देखा ना करेंगे।

मजबूर नही करेंगे

मजबूर नही करेंगे तुझे वादे निभानें के लिए, बस एक बार आ जा अपनी यादें वापस ले जाने के लिए…!!!

पता नहीं वो शख्स

पता नहीं वो शख्स कहाँ है आज जो कहता था, परेशान ना हो बेवजह, मै आपके साथ हूँ..

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