साथ अगर दोगे तो

साथ अगर दोगे तो मुस्कुराएंगे ज़रूर, प्यार अगर दिल से करोगे तो निभाएंगे ज़रूर, कितने भी काँटे क्यों ना हों राहों में, आवाज़ अगर दिल से दोगे तो आएंगे ज़रूर।

कुछ भीगें अल्फाज़ों ने

कुछ भीगें अल्फाज़ों ने, यूँ दिया हैं दिल पर पहरा, अंधेरे अब डराते नही, हैं रोशन हर सफर मेरा…

जब रुला लेते हैं

जब रुला लेते हैं जी भर के हमें… जब सता लेते हैं जी भर के हमें… तब कहीं खुश वो ज़रा होते हैं…. और क्या एहद-ए-वफ़ा होते हैं….

ऐ जिंदगी तू हँस ले

ऐ जिंदगी तू हँस ले मेरे जीने के अंदाज़ पे, वो दिन भी आएगा जब तू संवारेगी मुझे ।।

कमबख्त दिल भी

कमबख्त दिल भी कमाल करता है जब खाली खाली होता है, भर आता है!!

न मैं शायर हूँ

न मैं शायर हूँ, न मेरा शायरी से कोई वास्ता.., बस एक शौक बन गया है, तेरी यादों को बयां करना..!!

अगर किसी दिन

अगर किसी दिन रोना आये ‘ तो आ जाना मेरे पास …. हँसने का वादा तो नही करता ‘ मगर रोउंगा जरूर तेरे साथ|

वो बोलते रहे

वो बोलते रहे हम सुनते रहे, जवाब आँखों में था वो जुबान में ढूंढते रहे !!

थोड़ी सी खुद्दारी

थोड़ी सी खुद्दारी भी लाज़मी थी, उसने हाथ छुड़ाया मैंने छोड़ दिया|

बेनाम आरजू की वजह

बेनाम आरजू की वजह ना पूछिये, कोई अजनबी था रूह का दर्द बन गया…

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