कृपया ध्यान दें गाडी चलाते समय सौन्दर्य दर्शन ना करें अन्यथा देवदर्शन हो सकते हैं।
Tag: शर्म शायरी
हम जिंदगी की
हम जिंदगी की भागदौड़ मे इतने लीन हो गए पता ही नहीं चला गोलगप्पे कब 10 के तीन हो गए…
kahridar mat bano
Dosti bikti nahi kahridar mat bano Jindngi jiye Dossto ke naam Subah bano unki shyam mat bano
तुफानों से गुजारिश
तुफानों से गुजारिश नही की जाती….. …….उनका सामना किया जाता है…
उजालो के बावजूद
बड़ी ‘अजीब’ सी है शहरो की रोशनी… उजालो के बावजूद चेहरे ‘पहचानना’ मुश्किल है !!
इज़हार-ए-इश्क
इज़हार-ए-इश्क करो उस से, जो हक़दार हो इसका,, बड़ी नायाब शय है ये इसे ज़ाया नहीं करते…..
ये वक़्त बेवक़्त
ये वक़्त बेवक़्त मेरे ख्यालों में आने की आदत छोड़ दो तुम…., कसूर तुम्हारा होता है और लोग मुझे आवारा कहते है….।
आधे से ज्यादा
हमारे देश में हसी मजाक भी बिजली की तरह है आधे से ज्यादा लोगों के नसीब मे नही है
हल्ला मचाते है
तुझे याद करता हूँ तो हर दर्द से निजात मिलती है…!! लोग यू ही हल्ला मचाते है की दवाईयाँ महँगी हो गयी है…
मिटटी में मिल जायेगी..
ना जीत पे अपनी दम्भ करो ना हार पे मेरी तंज़ कसो , जो धूल हवा से उड़ी है फिर से मिटटी में मिल जायेगी..!!