बरसों बाद इक ख़त आज आया है, तुम्हे याद आई है या गलत पते पे आया है…!!!
Tag: शर्म शायरी
कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने
कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने, मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये…!!!
माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती
माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती… यहाँ आदमी आदमी से जलता है…!!
हम ईंट-ईंट को दौलत से लाल कर देते
हम ईंट-ईंट को दौलत से लाल कर देते, अगर ज़मीर की चिड़िया हलाल कर देते।
देश कुछ इस तरह भी बदलने लगा है
देश कुछ इस तरह भी बदलने लगा है कि…. लोग गाय चराने में “शर्म”और… कुत्ता घुमाने में “गर्व”करने लगे हैं…!!
लड़ता आया हूँ
बस यही सोच कर हर मुश्किलो से लड़ता आया हूँ.. धूप कितनी भी तेज़ हो समन्दर नहीं सूखा करते..!!!
बसेरा है तेरे शहर मेँ
अजीब लोगोँ का बसेरा है तेरे शहर मेँ, गुरूर मेँ मिट जाते हैँ मगर याद नहीँ करते…
मैं वो हूँ
मैं वो हूँ जो कहता था की इश्क़ मे क्या रखा है.. आज कल एक हीर ने मुझे रांझा बना रखा है ..