कोई ज़हर कहता है

कोई ज़हर कहता है कोई शहद कहता है…. दोस्त, कोई समझ नही पाया ज़ायका मोहब्बत का ।

गुज़र जायेगी ये

गुज़र जायेगी ये ज़िन्दगी उसके बगैर भी.. … वो हसरत-ऐ-ज़िन्दगी है, शर्त-ऐ-ज़िन्दगी तो नहीं ।

उस देश में

उस देश में औरत का मरतबा कैसे बुलंद हो सकता है, जहाँ मरदों की लड़ाई में गालियां मां -बहन की दी जाती है.!!

मांगो तो अपने रब

मांगो तो अपने रब से मांगो , जो दे तो रहमत और न दे तो किस्मत , लेकिन दुनिया से हरगिज मत मांगना , क्योंकि दे तो एहसान और न दे तो शर्मिंदगी ..

एक नफरत ही हैं

एक नफरत ही हैं जिसे, दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं. वरना चाहत का यकीन दिलाने में, तो जिन्दगी बीत जाती हैं..

तू याद रख या

तू याद रख या ना रख, तू ही याद हे, ये याद रख….

झूठी शान के परिंदे

झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फडडाते हैं, बाज की उड़ान में कभी आवाज नहीं होती है !!

ख्वाइश बस इतनी

ख्वाइश बस इतनी सी है कि तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो आरज़ू ये नहीं कि लोग वाह – वाह करें…!!

करोडो में नीलाम

करोडो में नीलाम होते है यहाँ, एक नेता के उतारे हुए सूट । वही कचरे में फेक देते है, ‘शहीदों की वर्दी और बूट’ ।

अजीब अदा है

अजीब अदा है यार लोगों की नज़रें भी हम पर है और नाराज़गी भी हमसे ही

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