लोग कहते हैं कि समझो तो खामोशियां भी बोलती हैं, मैं अरसे से खामोश हूं और वो बरसों से बेखबर है…
Category: Whatsapp Shayri
सिखा दिया
सिखा दिया ‘तुने’ मुझे… अपनों पर भी ‘शक’ करना.. मेरी ‘फितरत’ में तो था… गैरों पर भी ‘भरोसा’ करना!!
तेरे संग रातों
तेरे संग रातों मैं चाँद को ताकते रहना बिखर कर अब तो तारे हो गई वो यादे…।
कैसी भी हो एक बहन
कैसी भी हो एक बहन होनी चाहिये……….। . बड़ी हो तो माँ- बाप से बचाने वाली. छोटी हो तो हमारे पीठ पिछे छुपने वाली……….॥ . बड़ी हो तो चुपचाप हमारे पाँकेट मे पैसे रखने वाली, छोटी हो तो चुपचाप पैसे निकाल लेने वाली………॥ . छोटी हो या बड़ी, छोटी- छोटी बातों पे लड़ने वाली,एक बहन… Continue reading कैसी भी हो एक बहन
सारा जहाँ मिलता है
सारा जहाँ मिलता है… बस वो नहीं मिलता… जिसमे जहाँ मिलता है…!!
जैसे जैसे तू
जैसे जैसे तू हसीन दिखने लगी है… मेरी ✏ कलम और भी अच्छी शायरी लिखने ✔ लगी है…
जिस के होने से
जिस के होने से मैं खुद को मुक्कमल मानता हूँ मेरे रब के बाद मैं बस मेरी # माँ को जानता हूँ !!!
बरसो से कायम है
बरसो से कायम है इश्क अपने उसुलो पे, ये कल भी तकलीफ देता था ये आज भी तकलीफ देता है!!!
तू ज़ाहिर है
तू ज़ाहिर है लफ्जों में मेरे… मैं गुमनाम हूँ खामोंशियों मे तेरी…
आज सुबह सुबह
आज सुबह सुबह मौत बड़े गुस्से में आके मुझसे बोली की “मैं तेरी जान ले लूँगी” मैंने भी कह दिया की जिस्म लेना है तो ले ले जान तो कोई और ले गया है ll