अब मत करो हमसे…तुम मोहब्बत की बातें, जिन किताबों से तुमने मोहब्बत सीखी है,वो लिखी भी हमने ही थी
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आज हम हैं
आज हम हैं कल हमारी यादें होंगी, जब हम ना होंगे तब हमारी बातें होंगी, कभी पलटोगे जिंदगी के ये पन्ने, तब शायद आपकी आंखों से भी बरसातें होंगी
हद से ज्यादा
हद से ज्यादा बढ चुका है तेरा नजरअंदाज करना; ऐसा सलूक ना करो कि हम भूलने पर मजबूर हो जाये…
मैं सदा बेतरतीब
मैं सदा बेतरतीब और बेहिसाब ही रहता हूँ, उलझी-उलझी सी जिंदगी मुझे पसंद है शायद…
मैं पसंद करता हूँ
मैं पसंद करता हूँ उन लोगो को… जो मुझे पसंद नहीं करते…!!!
कुछ कहा मैंने
ऐ उम्र ! कुछ कहा मैंने, पर शायद तूने सुना नहीँ.. तू छीन सकती है बचपन मेरा, पर बचपना नहीं..!! हर बात का कोई जवाब नही होता हर इश्क का नाम खराब नही होता… यु तो झूम लेते है नशेमें पीनेवाले मगर हर नशे का नाम शराब नही होता… खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते… Continue reading कुछ कहा मैंने
मंज़िल कहाँ ऐसे वैसों
सोनेरी संध्या… उँगलियाँ यूँ न सब पर उठाया करो खर्च करने से पहले कमाया करो ज़िन्दगी क्या है खुद ही समझ जाओगे बारिशों में पतंगें उड़ाया करो दोस्तों से मुलाक़ात के नाम पर नीम की पत्तियों को चबाया करो शाम के बाद जब तुम सहर देख लो कुछ फ़क़ीरों को खाना खिलाया करो अपने सीने… Continue reading मंज़िल कहाँ ऐसे वैसों
भूल सकते हो तो
भूल सकते हो तो भूल जाओ इजाज़त है तुम्हे, ना भूल पाओ तो लौट आना, एक और भूल की इजाज़त है तुम्हे…!
जो दिल को अच्छा लगता है
जो दिल को अच्छा लगता है उसी को दोस्त कहता हूँ , मुनाफ़ा देखकर रिश्तों की सियासत मै नही करता
अखबार तो रोज़
अखबार तो रोज़ आता है घर में, बस अपनों की ख़बर नहीं आती…..