जिंदगी उलझी पड़ी है

मैं भूला नहीं हूँ किसी को… मेरे बहुत अच्छे दोस्त है ज़माने में ……… बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है ….. 2 वक़्त की रोटी ढूंढने में। ….

कोई ताल्लुक़ तो है

मेरी आँखों का तेरी यादों से कोई ताल्लुक़ तो है, तसवुर में जब भी आते हो…चेहरा खिल सा जाता है…

सबसे दूर हो गये

टूटे हुए काँच की तरह चकना चूर हो गए..! किसी को लग ना जायें इसलिए सबसे दूर हो गये.!

रिश्ता

?” रिश्ता “? कई लोगों से होता है , मगर … कोई प्यार से निभाता है तो … कोई नफरत से निभाता है ..

दर्द

?” दर्द “? सभी इंसानो मे है मगर … कोई दिखाता है तो … कोई छुपाता है …..

हमसफर

?” हमसफर “? सभी है मगर … कोई साथ देता है तो … कोई छोड देता है …..

बेवजह मिलना ए दोस्त

कभी मिल सको तो पंछीयो की तरह बेवजह मिलना ए दोस्त, वजह से मिलने वाले तो न जाने हर रोज कितने मिलते है ।

प्यार सभी करते है मगर

?” प्यार “? सभी करते है मगर … कोई दिल से करता है तो … कोई दिमाग सें करता है

वो ‎माँ‬ ही है

रुके तो चाँद जैसी है, चले तो हवाओं जैसी है, वो ‎माँ‬ ही है, जो धूप में भी छाँव जैसी है….?

नजर ख़राब है

मेरे हाथ में गंगाजल,तेरे हाथ में शराब है???? मैं हो गया अमावास तू माहताब है? तेरी नजर उठी तो अदा-ए-हुस्न हो गयी?? उठी जो मेरी नजर तो नजर ख़राब है??

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