चलते रहेंगे क़ाफ़िले मेरे बग़ैर भी यहाँ. एक तारा टूट जाने से, फ़लक़ सूना नहीं होता…
Category: Shayri
दिसंबर करीब है
उदास शामें, तनहा रातें, दिल की हालत अजीब है… … सुनों… लौट आओ मेरे हमदम, दिसंबर करीब है…!!!
की थी मैंने मोहब्बत से तौबा
आज फिर की थी मैंने मोहब्बत से तौबा, आज फिर उनकी तस्वीर देख कर नियत बदल गई।
ख़ुदा के नाम पे
ख़ुदा के नाम पे जिस तरह लोग मर रहे हैं, दुआ करो कि अकेला ख़ुदा ना रह जाए….!!