सर पर चढ़कर बोल रहे हैं, पौधे जैसे लोग, पेड़ बने खामोश खड़े हैं, कैसे-कैसे लोग…..
Category: Shayari
दुनिया के तार
मैं दुनिया के तार मिलाता रहता हूँ दुनिया मेरे फ्यूज उड़ाती रहती है |
देख कर उसको
देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना,….. नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की थी|
नाराज़ है वो
कुछ इस तरह से नाराज़ है वो हमसे, जैसे उन्हे किसी और ने मना लिया हो|
मुसाफिर ज़ख़्मी नहीं
कौन कहता है के मुसाफिर ज़ख़्मी नहीं होते, रास्ते गवाह है, बस कमबख्त गवाही नहीं देते ।।
इतना मालूम है
गिनती तो ठीक से सीखी नही, मगर… इतना मालूम है, खुसिया बाटने से बढ़ती है..!!
कभी तो हिसाब करो
कभी तो हिसाब करो हमारा भी, इतनी मोहब्बत भला देता कौन है… उधार में..!!
जब आंख खुली
जब आंख खुली तो अम्मा की गोदी का एक सहारा था उसका नन्हा सा आंचल मुझको भूमण्डल से प्यारा था उसके चेहरे की झलक देख चेहरा फूलों सा खिलता था उसके स्तन की एक बूंद से मुझको जीवन मिलता था हाथों से बालों को नोंचा पैरों से खूब प्रहार किया फिर भी उस मां ने… Continue reading जब आंख खुली
दिल की क्या औकात
जब हम तुझ पे कुरबान हैं तो दिल की क्या औकात
काश तुम भी
काश तुम भी हो जाओ तुम्हारी यादों की तरह. ना वक़्त देखो, ना बहाना, बस चले आओ…