आज हालात देखकर

बचपन में एक पत्थर तबियत से ऊपर उछाला था कभी…! . . आज हालात देखकर लगता है . . कहीं वो “ऊपर-वाले” को तो नहीं लग गया…!!

वाह रे मेरी जिन्दगी

वाह रे मेरी जिन्दगी…….. तु सच मे सफर~ए~श्मशान है, जहाँ कन्धा भी अपना और लाश भी अपनी….||

अजब फसाना रहा

इश्को-आवारगी का अजब फसाना रहा, दीवाना हमेशा तेरा ही दीवाना रहा..

तू मेरे पास

तू मेरे पास था में तेरे साथ था वो था जिंदगी का दिन की एक दिन की जिंदगी

युं ना देखा

युं ना देखा करो…. खुदा के लिये !! मोहब्बत बढ गयी तो ….मुसीबत हो जायेगी

तुझसे जुदाई के

तुझसे जुदाई के उस एक फ़ैसले के बाद मैं खुद भी अपने साथ कभी रहा नहीं

तेरे क़रीब आकर

तेरे क़रीब आकर उलझनो में हुँ…… पता नही दोस्तो में हुँ या दुशमनो में हुँ…

चल ना सका

पुरक़ैफ बहारें आ ना सकी पुरलुफ़्त नज़ारे हो ना सके दौर ए मय रंगी चल ना सका फ़ितरत के ईशारे हो ना सके आलम भी वही दिल भी वही तक़दीर को लेकिन क्या कहिये हम उनके हैं हम उनके थे पर वो हमारे हो न सके …..

बात वफाओँ की

बात वफाओँ की होती तो कभी ना हारते हम.. खेल नसीबोँ का था भला उसे कैसे हराते.!!

एक तुम हो

एक तुम हो जिस पर दिल आ गया वरना… हम खुद गुलाब हैं किसी और फूल की ख्वाहिश नही करते…

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