उनकी भी अदाएं

उनकी भी अदाएं बेमिसाल है मुसाफिर बोलते है तो सवाल करते है और चुप रहे तो वजह पूछ लेते है ।

हवा से कह दो

हवा से कह दो खुद को आज़मा के दिखाये, बहुत चिराग बुझाती है एक जला के दिखाये!!

शर्मिंदा करते हो

क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर , हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा है..

कोई दिल में

कोई दिल में जगह क्या देगा , पैरों से रोंद देगा , अच्छा नहीं होता यारों बहुत अच्छा होना भी …!!!!

वो लौट के आये

वो लौट के आये मेरी ज़िन्दगी में अपने मतलब के लिए…….. और……. मैं यह सोचता रहा मेरी दुआओं में दम हैं

वक़्त के नाखून

वक़्त के नाखून, बहुत गहरा नोचते हैं दिल को तब जाके कुछ ज़ख्म, तजुर्बा बनके नज़र आते हैं…

इश्क का दस्तूर

इश्क का दस्तूर तो यही होता है जिसने किया वो बस फना होता है

दो मीठे बोल

प्यार के दो मीठे बोल से खरीद लो हमें.. . . दौलत दिखाई.. . . तो सारे जहान की कम पड़ जाऐगी

अजीब दस्तूर है

अजीब दस्तूर है, मोहब्बत का, रूठ कोई जाता है, टूट कोई जाता है

उसे “बोलने” दो

हर “इसान” अपनी “जुबां” के “पीछे” “छुपा” हुआ है अगर उसे “समझना” है तो उसे “बोलने” दो….!!!”

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