में तो उसको देखकर

में तो उसको देखकर एक नज़र में ही फ़ना हो गया, न जाने रोज उसके आयने का क्या हाल होता होगा।।

मिटटी में मिल जायेगी..

ना जीत पे अपनी दम्भ करो ना हार पे मेरी तंज़ कसो , जो धूल हवा से उड़ी है फिर से मिटटी में मिल जायेगी..!!

हुए बदनाम मगर

हुए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम….. फिर वही शायरी, फिरवही इश्क, फिर वही तुम..फिर वही हम…..

कोई प्यासा दिखे तो

आंधियों से न बुझूं ऐसा उजाला हो जाऊँ, वो नवाज़े तो जुगनू से सितारा हो जाऊँ, एक क़तरा हूँ मुझे ऐसी फितरत दे भगवन’ कोई प्यासा दिखे तो दरिया हो जाऊ…!!!

जिसकी साँसे भी

उस ‘गरीब’ की ‘उम्मीदें’ क्या होंगी ..! जिसकी ‘साँसे’ भी ‘गुब्बारों’ में बिकती हैं…

यादों की संदूक में

तेरी यादों की संदूक में ….. मैं दबा पड़ा हूँ किसी पुराने खत की तरह !!

भगवान मेरे साथ है

जब मुझे यकीन है के भगवान मेरे साथ है तो इस से कोई फर्क नहीं पड़ता के कौन कौन मेरे खिलाफ है।।” तजुर्बे ने एक बात सिखाई है… एक नया दर्द ही… पुराने दर्द की दवाई है…! हंसने की इच्छा ना हो… तो भी हसना पड़ता है… कोई जब पूछे कैसे हो…?? तो मजे में… Continue reading भगवान मेरे साथ है

खुदगर्जी होती है

किसी को पाने के लिए अपनों को छोड़ना खुदगर्जी होती है मोहब्बत नहीं….

ग़रीबी देख कर

ग़रीबी देख कर घर की , वो बच्चे ज़िद नही करते वरना उम्र बच्चो की बड़ी शौकीन होती है

अजब तमाशे है

अजब तमाशे है दुनिया में यारों, कौडिया में इज्जत और करोड़ों में कपड़े बिकते हैं.

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