वफ़ा की तरहा

बे-वफाई भी वफ़ा की तरहा की उसने, ऐसे इंसान से भी करते तो गिला क्या करते ।

उम्र आधी हो चली है

उम्र आधी हो चली है पर नहीं समझे ज़िंदगी का मर्म रत्ती भर नहीं समझे व्यर्थ हैं सब डिग्रियाँ, यह लोग कहते हैं प्यार के हमने अगर अक्षर नहीं समझे आदमी हो तो समझ ले आदमी का दुख आदमी का दुख मगर पत्थर नहीं समझे दिल की बातें सिर्फ़ दिल वाले ही समझेंगे दिल की… Continue reading उम्र आधी हो चली है

उडते हुये परिँदो

उडते हुये परिँदो को कोई कैद नही कर सकता ” जो अपने होते है वो खुद ही लौट आते है…

जरूरी नहीं की

जरूरी नहीं की काम से ही थकता है इंसान, फ़िक्र,ख्याल,धोखे और फरेब भी थका देते है..!!

इन्सान के सारे गरूर

जरुरत तोड़ देती है इन्सान के सारे गरूर को ….. ना होती कोई मज़बूरी तो हर बंदा खुदा होता ।।

रात को सोते हुए

रात को सोते हुए एक बेवज़ह सा ख़याल आया…. सुबह न जाग पाऊँ तो क्या उसे ख़बर मिलेगी कभी…..!

सौ गुना बेहतर है

तन्हाई’ सौ गुना बेहतर है, झुठे “वादों” से…! झुठे “लोगों” से…!!

जो नही है

जो नही है हमारे पास वो ” ख्वाब ” हैं, पर जो है हमारे पास वो ” लाजवाब ” हैं…

मेरे वजूद पे

मेरे वजूद पे उतरी हैं लफ़्ज़ की सूरत,, भटक रही थीं ख़लाओं में ये सदाएँ कहीं।।

अधूरी हसरतों का

अधूरी हसरतों का आज भी इलज़ाम है तुम पर…!! अगर तुम चाहती तो….. ये मोहब्बत ख़त्म ना होती….!!

Exit mobile version