अधूरी हसरतों का आज भी इलज़ाम है तुम
पर…!!
अगर तुम चाहती तो….. ये मोहब्बत ख़त्म ना होती….!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अधूरी हसरतों का आज भी इलज़ाम है तुम
पर…!!
अगर तुम चाहती तो….. ये मोहब्बत ख़त्म ना होती….!!