रात को सोते हुए एक बेवज़ह सा ख़याल आया….
सुबह न जाग पाऊँ तो क्या उसे ख़बर मिलेगी
कभी…..!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
रात को सोते हुए एक बेवज़ह सा ख़याल आया….
सुबह न जाग पाऊँ तो क्या उसे ख़बर मिलेगी
कभी…..!