उसकी चाहत में हम यूं बंधे हैं कि वो साथ भी नहीं और हम आजाद भी नहीं ।
Category: Sad Bewafa Shayri
कभी मिल सको तो
कभी मिल सको तो इन पंछियो की तरह बेवजह मिलना ए दोस्त वजह से मिलने वाले तो न जाने हर रोज़ कितने मिलते है !!
जुदा कैसे हो पायेंगे
देखते है हम दोनों जुदा कैसे हो पायेंगे…, तुम मुकद्दर का लिखा मानते हो…, हम दुआ को आजमायेंगे…!!!
बहुत दिनों से
बहुत दिनों से इन आँखों को यही समझा रहा हूँ मैं ये दुनिया है यहाँ तो इक तमाशा रोज़ होता है|
ज़ज्बात तो ना लूटो
लुटा चुका हूँ बहुत कुछ, अपनी जिंदगी में यारो..!! वो ज़ज्बात तो ना लूटो, जो लिखकर बयाँ करता हूँ ..
वाह-वाह मिली मुझे..
तेरे नाम से बढकर कहाँ.. कोई शायरी हुई.. तेरा नाम जब लिखा.. वाह-वाह मिली मुझे..
प्यार की कदर
ना थी जिसको मेरे प्यार की कदर..!! ईतेफाक से उसी को चाह रहा था मे..!!…
उसी के बिना जीना..
क्या बताऊ कितना मुश्किल है जीना… जिस के लिए जीना…उसी के बिना जीना…!!!
तनहा करने का
हम मोहब्बत को बेपर्दा नहीं करते उनकी रुस्वाई के डर से, और वो समझते है की ये उनका हुनर है हमें तनहा करने का।
अल्फाजं मिटते गयें…!!
सारी रात तुम्हारी याँद में खत लिखते रहे…. पर दर्द ही कुछ इतना था की…अश्कं बहते रहें और अल्फाजं मिटते गयें…!!