खुशियाँ अभी ज़िंदा हैं

सारी खुशियाँ अभी ज़िंदा हैं मेरे दामन में क्यों के माँ बाप का साया है मेरे आँगन में

एक सिक्का उछालना

कभी हमारी दोस्ती के बारे में शक हो तोअकेले में एक सिक्का उछालना…..अगर हेड आया तो हम दोस्त और टेल आया तो पलट देना यार अकेले में कौन देखता है……..

सोचता हूँ की

सोचता हूँ की तुझे बताऊँ की क्या हो तुम मेरे लिए… पर फिर सोचता हूँ की बात निकलेगी तो दूर तक जाएगी…

परेशां हूँ की

परेशां हूँ की परेशानी नही जाती, बचपन तो गया पर नादानी नही जाती…

खींच लेती है

खींच लेती है मुझे उसकी मोहब्बत, वर्ना कई बार मिला हूँ उससे आखिरी बार…

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