फासले कहाँ मोहब्बत

फासले कहाँ मोहब्बत को कम कर पाते हैं, बिना मुलाकात के भी कई रिश्ते अक्सर साथ निभाते हैं

हर अल्फाज दिल का

हर अल्फाज दिल का दर्द है मेरा पढ़ लिया करो, न जाने कौन सी शायरी आखरी हो जाए।

तेरा ख़याल मुझे

तेरा ख़याल मुझे कुछ …… इस तरह पुकारता है जैसे मंदिरों में ……. कोई आरती उतारता है

दुआ जो लिखते हैं

दुआ जो लिखते हैं उसको दग़ा समझता है वफ़ा के लफ्ज़ को भी वो जफ़ा समझता है बिखर तो जाऊं गा मैं टूट कर,झुकूँ गा नहीं ये बात अच्छी तरह बेवफा समझता है|

कभी कभी हम

कभी कभी हम जिसके हक़दार होते है खुदा उन्हें भी किसी और के नसीब मे लिख देता है |

काली रातों को

काली रातों को भी रंगीन कहा है मैंने तेरी हर बात पे आमीन कहा है मैंने तेरी दस्तार पे तन्कीद की हिम्मत तो नहीं अपनी पापोश को कालीन कहा है मैंने मस्लेहत कहिये इसे या के सियासत कहिये चील-कौओं को भी शाहीन कहा है मैंने ज़ायके बारहा आँखों में मज़ा देते हैं बाज़ चेहरों को… Continue reading काली रातों को

राह संघर्ष की जो चलता है

राह संघर्ष की जो चलता है, वो ही संसार को बदलता है । जिसने रातों से जंग जीती है, सूर्य बनकर वही निकलता है ।

Ye aur baat hai

Ye aur baat hai ki izhaar na ho saka hum se Lekin, Nahi hai tum se muhabbat ye kaun kehta hai..

तू पंख ले ले

तू पंख ले ले और मुझे सिर्फ हौंसला दे दे, फिर आँधियों को मेरा नाम और पता दे दे !!

एक ही मार्ग है।

मोक्ष का एक ही मार्ग है। और वह बिल्कुल सीधा ही है। अब मुशकिल उन्हें होती है। जिनकी चाल ही टेड़ी है।

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