मत दो मुझे खैरात उजालों की… … आज तक उस थकान से दुख रहा है बदन, … पर तुमसे करीब मेरे कोई नही है ये बात तुम भी कभी न भूलना…
Category: Hindi Shayri
छोड़ देते है
छोड़ देते है लोग रिश्तें बनाकर…. जो कभी ना छूटे वो साथ हूँ मैं|
दूर – दूर भगते फिरें
दूर – दूर भगते फिरें, जो हैं ख़ासम – ख़ास। सभी व्यंजनों की हुई, गायब आज मिठास।।
दर्द बहुत वफ़ादार होता है
दर्द बहुत वफ़ादार होता है… काश इसे देने वाले में भी ये बात होती…
क्या पूछता है
क्या पूछता है हम से तू ऐ शोख़ सितमगर, जो तू ने किए हम पे सितम कह नहीं सकते…
हर एक शख़्स
हर एक शख़्स की अपनी ही एक मंज़िल है, कोई किसी का यहाँ हम-सफ़र नहीं होता…
दुआ करो कि
दुआ करो कि ये पौदा सदा हरा ही लगे, उदासियों में भी चेहरा खिला खिला ही लगे…
इतिहास गवाह है
इतिहास गवाह है, कि जब भी कोई नया साल आया है,, साल भर से ज्यादा नहीं टिक पाया है……..!
सितम की रस्में
सितम की रस्में बहुत थीं लेकिन, न थी तेरी अंजुमन से पहले; सज़ा खता-ए-नज़र से पहले, इताब ज़ुर्मे-सुखन से पहले; जो चल सको तो चलो के राहे-वफा बहुत मुख्तसर हुई है; मुक़ाम है अब कोई न मंजिल, फराज़े-दारो-रसन से पहले।
आदत सी है
आदत सी है पड़ गई , किया गया स्वीकार ! महँगाई मुद्दा नहीं , ना ही भ्रष्टाचार !!