आँख प्यासी है कोई मन्ज़र दे, इस जज़ीरे को भी समन्दर दे| अपना चेहरा तलाश करना है, गर नहीं आइना तो पत्थर दे|
Category: Hindi Shayri
इश्क़ वो नहीं
इश्क़ वो नहीं जो तुझे मेरा कर दे…. इश्क़ वो है जो तुझे किसी और का ना होने दे !!
तेरे इश्क ने
तेरे इश्क ने सरकारी दफ्तर बना दिया दिल को; ना कोई काम करता है, ना कोई बात सुनता है..”
कुछ अलग ही
कुछ अलग ही करना है तो वफा करो दोस्त, वरना मजबूरी का नाम ले कर बेवफाई तो सभी करते है !
जो दुआ न करे
वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे.. मैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे।। रहेगा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर.. ये और बात मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे।।
अपनी यादों को ज़रा
समझा दो तुम, अपनी यादों को ज़रा… … वक़्त बे-वक़्त तंग करती हैं मुझे, कर्जदारों की तरह ।
वो खुदा से
वो खुदा से क्या मोहब्बत कर सकेगा..! जिसे नफरत है उसके बनाये बन्दों से..!
छोड़ ही दें तो अच्छा
हवाएँ ज़हरीली करने वाले,ये ज़मीं छोड़ ही दें तो अच्छा…. मेरी नेकनीयती पर करना यकीं छोड़ ही दें तो अच्छा…. उनकी कुलबुलाहट से अब मैं भी नहीं इतना “ग़ाफ़िल”.. अब कुछ साँप मेरी आस्तीं छोड़ ही दें तो अच्छा….
तेरी हो जाए
कभी आग़ोश में यूँ लो की ये रूँह तेरी हो जाए।
छोटे से दिल
इस छोटे से दिल में किस किस को जगह दूँ , गम रहे, दम रहे, फ़रियाद रहे, या तेरी याद रहे..