समझा दो तुम, अपनी यादों को ज़रा…
…
वक़्त बे-वक़्त तंग करती हैं मुझे, कर्जदारों की तरह ।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
समझा दो तुम, अपनी यादों को ज़रा…
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वक़्त बे-वक़्त तंग करती हैं मुझे, कर्जदारों की तरह ।