मुझे कहाँ से

मुझे कहाँ से आएगा लोगो का दिल जीतना …!! मै तो अपना भी हार बैठी हूँ..!!

तुम इतने कठिन क्यूँ हो

तुम इतने कठिन क्यूँ हो की मैं तुम्हे समझ नहीं पाता, थोड़े से सरल हो जाओ सिर्फ मेरे लिए !!

किसी ने क्या खूब कहा

किसी ने क्या खूब कहा है सिर्फ गुलाब देने से अगर मोहब्बत हो जाती, तो माली सारे ‘शहर’ का महबूब बन जाता..

पाया भी उन को

पाया भी उन को खो भी दिया चुप भी हो रहे, इक मुख़्तसर सी रात में सदियाँ गुज़र गईं…

कोई होंठों पे

कोई होंठों पे उंगली रख गया था… उसी दिन से मैं लिखकर बोलता हुँ|

हाथ पकड़ कर

हाथ पकड़ कर रोक लेते अगर,तुझपर ज़रा भी ज़ोर होता मेरा, ना रोते हम यूँ तेरे लिये, अगर हमारी ज़िन्दगी में तेरे सिवा कोई ओर होता !

ये तो कहिए

ये तो कहिए इस ख़ता की क्या सज़ा, ये जो कह दूं के आप पर मरता हूं मैं।।

सच्चा प्यार सिर्फ

सच्चा प्यार सिर्फ वो लोग कर सकते है, जो किसीका प्यार पाने के लिए तरस चुके हो !!

बिल्कुल जुदा है

बिल्कुल जुदा है मेरे महबूब की सादगी का अंदाज, नजरे भी मुझ पर है और नफरत भी मुझसे ही !!

मोहब्बत भी ईतनी शीद्दत से

मोहब्बत भी ईतनी शीद्दत से करो की, वो धोखा देकर भी सोचे की वापस जाऊ तो किस मुंह से जाऊ !!

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