ये जो तेरा

ये जो तेरा होकर भी ना होने का अहसास है… बस ये अधूरापन ही मुझे जीने नहीं देता|

सफ़र में धूप तो होगी

सफ़र में धूप तो होगी, जो चल सको तो चलो.. सभी है भीड़ में, तुम भी निकल सको तो चलो.!

उम्र भर ख़्वाबों की

उम्र भर ख़्वाबों की मंज़िल का सफ़र जारी रहा, ज़िंदगी भर तजुरबों के ज़ख़्म काम आते रहे…

बस इतना ही

बस इतना ही जाना है मुझे तुमने दूर ही रहो जितना, जेहन में उतर आऊंगा|

तुम दूर भी

तुम दूर भी हो पर लगता है यही हो तुम कहो इश्क़ में तुम्हारा क्या हाल है|

इश्क़ की चोट

इश्क़ की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सही, दर्द कम हो या ज़ियादा हो मगर हो तो सही…

ना वादा ना दिलासा

ना वादा ना दिलासा ना तस्सली ना दुआ,….!! तुमने इस बार जाते हुएे कयामत कर दी….!!

तू भले ही रत्ती भर

तू भले ही रत्ती भर ना सुनती है मै तेरा नाम बुदबुदाता रहता हूँ

और कितना परख़ोगे

और कितना परख़ोगे तुम मुझे? क्या इतना काफ़ी नहीं कि मैनें तुम्हें चुना है।

मेरा सब से

मेरा सब से बड़ा डर यह है, कि कहीं आप मुझे भूल तो नहीं जाओगे !!

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