अमीर-ए-शहर

अमीर-ए-शहर की हमदर्दियों से बच के रहो, ये सर से बोझ नहीं, सर उतार लेता है !

मेरा पीछा नहीं छोड़ा

ज़िंदगी ने मेरा पीछा नहीं छोड़ा अब तक.. उम्र भर सर से न उतरी ये बला कैसी थी..?

सीखा है मैने ज़िन्दगी से

सीखा है मैने ज़िन्दगी से एक तजुर्बा…. ज़िम्मेदारी इंसान को वक़्त से पहले बड़ा बना देती है..

किफायत रंग लाती है

किफायत रंग लाती है इरादा जो नेक हो तेरा, सिर्फ सिक्के जोड़ लेने से अमीरी नही आती….

दौलत-ए-इश्‍क़

दौलत-ए-इश्‍क़ नहीं बाँध के रखने के लिये इस ख़जाने को जहाँ तक हो लुटाते रहिये.!!

प्यार से तो ज़िन्दगी

प्यार से तो ज़िन्दगी बरबाद होती होगी….. मगर उसके दर्द से दील आबाद रहता है …..

वो एक ही चेहरा

वो एक ही चेहरा तो नहीं सारे जहाँ में, जो दूर है वो दिल से उतर क्यों नहीं जाता। मैं अपनी ही उलझी हुई राहों का तमाशा, जाते हैं जिधर सब, मैं उधर क्यों नहीं जाता।

बे-नाम सा ये दर्द

बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता, जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता..

बेहोश आहिस्ता आहिस्ता…

कि आ रहा है अब होश हमें आहिस्ता आहिस्ता, इश्क में जब हुए हम बेहोश आहिस्ता आहिस्ता…

तुझसे नाराज़ होकर

तुझसे नाराज़ होकर कहाँ जाएँगे… रोएँगे तड़पेंगे फिर लौट आएँगे

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