बहुत सोचना पड़ता है

बहुत सोचना पड़ता है अब मुँह खोलने से पहले,, क्यूंकि अब दुनियाँ दिल से नहीं दिमाग से रिश्ते निभाती है …!!

जुबां की खामोशी

जुबां की खामोशी पर मत जाओ, राख के नीचे हमेशा आग दबी होती है।

एक बच्चा खुश हुआ

एक बच्चा खुश हुआ खरीद कर गुब्बारा, दुसरा बच्चा खुश हुआ बेच कर गुब्बारा।

जिम्मेदारियां मजबूर कर देती हैं

जिम्मेदारियां मजबूर कर देती हैं, अपना “गांव” छोड़ने को !! वरना कौन अपनी गली में, जीना नहीं चाहता ।।

अकड़ती जा रही हैं

अकड़ती जा रही हैं हर रोज गर्दन की नसें, आज तक नहीं आया हुनर सर झुकाने का ..

कभी किसी के

कभी किसी के जज्बातों का मजाक ना बनाना. ना जाने कौन सा दर्द लेकर कोई जी रहा होगा..

चुपचाप गुज़ार देगें

चुपचाप गुज़ार देगें तेरे बिना भी ये ज़िन्दगी, लोगो को सिखा देगें मोहब्बत ऐसे भी होती है।

शायद कुछ दिन

शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में, जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।

क्या क्या रंग

क्या क्या रंग दिखाती है जिंदगी क्या खूब इक्तेफ़ाक होता है, प्यार में ऊम्र नहीँ होती पर हर ऊम्र में प्यार होता है..!!

मुश्किल भी तुम हो

मुश्किल भी तुम हो, हल भी तुम हो , होती है जो सीने में , वो हलचल भी तुम हो ..!!

Exit mobile version