फूलों को मैं बिछाऊं…

फूलों को मैं बिछाऊं… कहां है मेरी बिसात.. कांटे उठा लिए हैं मगर … मैने तेरी राह के…!!

बोले गए शब्द

बोले गए शब्द ही एसी चीज है जिसकी वजह से इंसान, या तो दिल में उतर जाता है या दिल से उतर जाता है !!

हाथ गर खाली हो

हाथ गर खाली हो, तो ये ध्यान रखना … घर जो लौटो, तो होठों पर मुस्कान रखना ..

बच्चों के छोटे हाथों को

बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे|

हर रात कुछ

हर रात कुछ खवाब अधूरे रह जाते हैं… किसी तकिये के नीचे दबकर अगली रात के लिये….

एक अरसे से

एक अरसे से मुयासिर ही नहीं है वो लफ्ज़ , जिसे लोग करार कहते हैं …!!

सहम उठते हैं

सहम उठते हैं कच्चे मकान पानी के खौफ़ से, महलों की आरज़ू ये है कि बरसात तेज हो

किसी भी मौसम मे

किसी भी मौसम मे खरीद लीजिये जनाब… मोहब्बत के जख्म हमेशा ताजे ही मिलेगें…!

बदलवा दे मेरे

बदलवा दे मेरे भी नोट ए ग़ालिब, या वो जगह बता दे, जहां कतार न हो..

उसको मालूम कहाँ

उसको मालूम कहाँ होगा, क्या ख़बर होगी, वो मेरे दिल के टूटने से बेख़बर होगी, वक़्त बीतेगा तो ये घाव भर भी जाएँगे, पर ये थोड़ी सी तो तकलीफ़ उम्र भर होगी…

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