इस अधूरी कहानी में

हमारी इस अधूरी कहानी में वफ़ा के सबूत मत माँग मुझसे, मैंने तेरी ख़ातिर वो आँसु भी बहाए है जो तेरी आखों में थे…

एक मुनासिब सा

एक मुनासिब सा नाम रख दो तुम मेरा.., रोज़ ज़िन्दगी पूछती है रिश्ता तेरा मेरा|

ये हादसा तो

ये हादसा तो किसी दिन गुज़रने वाला था मैं बच भी जाता तो इक रोज़ मरने वाला था|

सोचा ही नहीं था

सोचा ही नहीं था ज़िन्दगी में ऐसे भी फ़साने होंगे, रोना भी ज़रूरी होगा,आंसू भी छुपाने होंगे।

तफ़सील से तफ्तीश

तफ़सील से तफ्तीश जब हुई मेरी गुमशुदगी की, मैं टुकड़ा टुकड़ा बरामद हुई उनके ख्यालों में|

कुछ अधूरे एहसासों ने

कुछ अधूरे एहसासों ने ही तो थामा है हर पल, चाँद तो पूरा होके भी रात का न हुआ……

गुजर जाऊंगा यूँ ही

गुजर जाऊंगा यूँ ही किसी लम्हे की तरह, और तुम….. औरो में ही उलझे रहना..!!

कल जहाँ में था

कल जहाँ में था, आज वहाँ कोई और है। वो भी एक दौर था, ये भी एक दौर है।

मोहब्बत है गज़ब

मोहब्बत है गज़ब उसकी शरारत भी निराली है, बड़ी शिद्दत से वो सब कुछ निभाती है अकेले में

नादाँ तुम भी

नादाँ तुम भी नही नादाँ हम भी नही मुहब्बत का असर इधर भी है …उधर भी है

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