मत रहो दूर हमसे इतना के अपने फैसले पर अफसोस हो जाये… कल को शायद ऐसी मुलाकात हो हमारी… के आप हमसे लिपटकर रोये और हम ख़ामोश हो जाये..!
Category: प्यार शायरी
किसी रिश्ते में निखार
किसी रिश्ते में निखार, सिर्फ अच्छे समय में हाथ मिलाने से नहीं आता……….. बल्कि …… नाज़ुक समय में हाथ थामने से आता है…
वो दर्द ही क्या
वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए! वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए! कभी तो समझो मेरी खामोशी को! वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें!
नफरत करनी है
नफरत करनी है तो इस कदर करो की इसके बाद हम मुहबत के काबिल न रहे|
मेरी खासियत को
मेरी खासियत को जान कर चाहा तो क्या चाहा तुमने… तुम मेरे हो अगर तो,मुझे बुरा मान कर भी चाहो….
इस तरह तुमने
इस तरह तुमने मुझे छोड़ दिया… जेसे रास्ता कोई गुनाह का हो….
छू जाते हो
छू जाते हो तुम मुझे कितने दफ़े, ख़्वाब बनकर… लोग खामखाँ ही कहते है कि तुम मेरे पास नहीं…!!
घर की इस बार
घर की इस बार मुकम्मल मै तलाशी लूँगा ग़म छुपा कर मेरे माँ बाप कहाँ रखते है..
कुछ नहीं है
कुछ नहीं है आज मेरे शब्दों के गुलदस्ते में, कभी कभी मेरी खामोशियाँ भी पढ लिया करो…!!
हुस्न का भाव
हुस्न का भाव अभी और बढ़ेगा, शहर मे यारो दो आशिकों ने, एक ही महबूब को चुन लिया है!