रिश्तों में विश्वास

अपनी कमजोरियां उन्ही लोगों को बताइये, जो हर हाल में आपके साथ मजबूती से खड़े होना जानते है” ” क्यूँकि रिश्तों में विश्वास , और मोबाईल में नेटवर्क ना हो, . . तो लोग Game खेलना शुरू कर देते हैं !!

ये सोच हमेशा

ये सोच हमेशा कायम रखना दोस्तों राह चलती अकेली लड़की मौका नहीं एक जिम्मेदारी है

हमसे बिछड़ के

हमसे बिछड़ के वहाँ से एक पानी की बूँद न निकली तमाम उम्र जिन आँखों को हम, झील कहते रहे।

जिंदगी में सिर्फ

उल्फ़त, मोहब्बत, अश्क, वफ़ा, अफ़साने.. लगता है वो आयी थी जिंदगी में सिर्फ ऊर्दू सिखाने।

रात भर चलती

रात भर चलती रहती है अब उंगलियाँ मोबाईल पर…! किताब सीने पर रखकर सोये हुए तो एक जमाना गुजर गया….!!!

दिल में चाहत

दिल में चाहत का होना भी लाज़मी है वरना, याद तो दुश्मन भी रोज़ किया करते है.

अजीब खेल है

अख़बार का भी अजीब खेल है सुबह अमीर की चाय का मजा बढाता है और रात में गरीब के खाने की थाली बन जाता है…!

वो लमहा भी

जरूरी नही की हर समय लबो पर खुदा का नाम आये ।। वो लमहा भी इबादत का होता है… जब इनसान किसी के काम आये…

हाथ की लकीरें

हाथ की लकीरें पढने वाले ने तो…. मेरे होश ही उड़ा दिये..! मेरा हाथ देख कर बोला… “तुझे मौत नहीं किसी की चाहत मारेगी…

जन्नत नसीब नहीं हो

ऐ इश्क __!!! जन्नत नसीब नहीं हो सकती तुझे कभी…. बड़े मासूम लोगों को बर्बाद किया है तूने|

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