जाग रहे हॊ न अब तक, मैनें कहा था न ईश्क मत करना…!
Category: व्यंग्य शायरी
जलने वालों की दुआ
जलने वालों की दुआ से ही सारी बरकत है..!! वरना… अपना कहने वाले लोग तो याद भी नही करते….!
आ के अब
आ के अब यूँ सहा नहीं जाता दूर तुझ से रहा नहीं जाता दरगुज़र िकतना भी करलूँ मुझसे अब चुप रहा नहीं जाता नेक बख़ती की बात सुनता हूँ तो भी अच्छा हुआ नहीं जाता दिल में ऐसी उमंग उठती है चाहूँ भी बारहा, नहीं जाता क्यों पसो पेश में पड़ा है तू यार सोचा… Continue reading आ के अब
आसमां पर ग़ुबार
आसमां पर ग़ुबार क्यों है आज दिल मेरा बेक़रार क्यों है आज हर जगह से धुँआँ सा उठता है कुछ न कुछ तो कहीं हुआ है आज है ख़बर गरम आसमानों में कोई बन बैठा हुकमराँ है आज कैसा ऊँट और कौन सी करवट हम भी इन्तज़ार में हैं आज शािदयाने कहीं, कहीं मातम िकतने… Continue reading आसमां पर ग़ुबार
कोई सवाल नही करूगी
क्योंकि तेरे सारे जवाब जानती हू इसलिये कोई सवाल नही करूगी।
बसता है मेरा सनम
मुझमे रूह बन बसता है मेरा सनम… ऐसे ही नही धड़कने धड़कती मेरी…!!
Mila de khaak
Mila de khaak mein gar raasteki rukavat hoon Pata manzil ka jo de aisa pathar ban ke rehne de
यूँ ही शौक़ है
यूँ ही शौक़ है हमारा तो शायरी करना किसी की दुखती रग छू लूँ तो यारों माफ़ करना
सबक सीख लिए
सिखा न सकी ,… जो उम्र भर तमाम किताबें मुझे ,… फिर करीब से कुछ चेहरे पढ़े ,… और न जाने कितने सबक सीख लिए ,…
काश तुम भी
काश तुम भी हो जाओ तुम्हारी यादों की तरह.. ना वक़्त देखो, ना बहाना, बस चले आओ…!!