जाग रहे हॊ न अब तक,
मैनें कहा था न ईश्क मत करना…!
Category: व्यंग्य शायरी
जलने वालों की दुआ
जलने वालों की दुआ से ही सारी बरकत है..!!
वरना…
अपना कहने वाले लोग तो याद
भी नही करते….!
आ के अब
आ के अब यूँ सहा नहीं जाता
दूर तुझ से रहा नहीं जाता
दरगुज़र िकतना भी करलूँ
मुझसे अब चुप रहा नहीं जाता
नेक बख़ती की बात सुनता हूँ
तो भी अच्छा हुआ नहीं जाता
दिल में ऐसी उमंग उठती है
चाहूँ भी बारहा, नहीं जाता
क्यों पसो पेश में पड़ा है तू
यार सोचा इतना नहीं जाता
दूर रख अब दिमाग़ को आज
कुछ इसे भी समझ नहीं आता
िजसका मैदान है उसे मालूम
क्या सही है और क्या भाता
पूरा भर इश्क़ से प्याले को
ख़ाली थोड़ा रहे छलक जाता
सेरी तो ितशनगी से बेहतर
दूसरा’ कुछ नज़र नहीं आता
आ इधर, छोड़ सारी बात
कर पहल, आगे है दातासब है
आसान ठान ले गर तू
तेज़ क़दमों से घर नहीं आता !
आसमां पर ग़ुबार
आसमां पर ग़ुबार क्यों है आज
दिल मेरा बेक़रार क्यों है आज
हर जगह से धुँआँ सा उठता है
कुछ न कुछ तो कहीं हुआ है आज
है ख़बर गरम आसमानों में
कोई बन बैठा हुकमराँ है आज
कैसा ऊँट और कौन सी करवट
हम भी इन्तज़ार में हैं आज
शािदयाने कहीं, कहीं मातम
िकतने चेहरे हैं इस शहर के आज
इक तरफ़ है जुलूस फ़ातेह का
इक तरफ़ रो रही है बेवा आज
िकस का घर आएगा ज़द में
आग से मन रही हैं ख़ुशियाँ आज
जो न कर पारहे हैं काम अपना
रोज़ी मारी गई है उनकी आज
कहते हैं ख़ुशियाँ ख़्वाब लाती हैं
ख़्वाब में देखते हैं रोटी आज
आफ़रीन ऐसे हुक्मरानों पर
िजनके होते नसीब हेटा आज
ऐ ख़ुदा उसको इतना दिखलादेकल िमलेगा वही जो बोया आज !
कोई सवाल नही करूगी
क्योंकि तेरे सारे जवाब जानती हू
इसलिये कोई सवाल नही करूगी।
बसता है मेरा सनम
मुझमे रूह बन बसता है मेरा सनम…
ऐसे ही नही धड़कने धड़कती मेरी…!!
Mila de khaak
Mila de khaak mein gar raasteki rukavat hoon
Pata manzil ka jo de aisa pathar ban ke rehne de
यूँ ही शौक़ है
यूँ ही शौक़ है हमारा तो शायरी करना
किसी की दुखती रग छू लूँ तो यारों माफ़ करना
सबक सीख लिए
सिखा न सकी ,…
जो उम्र भर तमाम किताबें मुझे ,…
फिर करीब से कुछ चेहरे पढ़े ,…
और न जाने कितने सबक सीख लिए ,…
काश तुम भी
काश तुम भी हो जाओ
तुम्हारी यादों की तरह..
ना वक़्त देखो, ना बहाना, बस चले आओ…!!