पलकों की हद

पलकों की हद तोड़ के दामन पे आ गिरा,एक आंसू मेरे सबर की तौहीन कर गया…..

है हमसफर मेरा तू..

है हमसफर मेरा तू.. अब… मंझिल-ऐ-जुस्तजू क्या… खुद ही कायनात हूँ… अब…. अरमान-ऐ-अंजुमन क्या…???

दर्द छुपाना भी

दर्द छुपाना भी एक हुनर है, वरना नमक तो हर मुठी में है..!!

वो लम्हा ज़िन्दगी

वो लम्हा ज़िन्दगी का बड़ा अनमोल होता है जब तेरी यादें, तेरी बातें , तेरा माहौल होता है |

कोई रिश्ता बना के

कोई रिश्ता बना के मुतमईन होना नही अच्छा मुहब्बत आखिरी हद तक ताल्लुक आजमाती है!!

कैसे सबूत दूँ

कैसे सबूत दूँ तुझे मेरी मोहब्बत का…?? फूलों की महक देखनी हो….. तो जज़्बात की निग़ाह चाहिये….!!

अगर फुर्सत के लम्हों मे

अगर फुर्सत के लम्हों मे आप मुझे याद करते हो तो अब मत करना.. क्योकि मे तन्हा जरूर हुँ, मगर फिजूल बिल्कुल नही.

ज़िन्दगी हो तो कई

ज़िन्दगी हो तो कई काम निकल आते है याद आऊँगा कभी मैं भी ज़रूरत में उसे|

मांग इतना खून मेरे

मांग इतना खून मेरे ज़ख़्मी ‘दिल से, की बूँद भी न रहे तेरे सिंदूर के लिए..!!

खतावार समझेगी दुनिया

खतावार समझेगी दुनिया तुझे .. अब इतनी भी ज्यादा सफाई ना दे

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