खुशियों का रंग

खुशियों का रंग दर्द की तस्वीर बदल दे अब तो हमारे पाँव की ज़ंज़ीर बदल दे… लिक्खा नही नसीब में तूने वो एक शख्स मौला तू मेरे हाथ की तकदीर बदल दे

किस हक़ से

किस हक़ से मांगू तुमसे तुम्हारा वक़्त ना वक़्त मेरा है और ना तुम मेरे हो ..

मैंने आंसू को

मैंने आंसू को समझाया, भरी महफ़िल में ना आया करो, आंसू बोला, तुमको भरी महफ़िल में तन्हा पाते है, इसीलिए तो चुपके से चले आते है…

चले जायेंगे तुझे

चले जायेंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर,कदर क्या होती है ये तुझे वक़्त सिखाएगा।

मुझसे मिलना है

मुझसे मिलना है तो मिल आके फ़क़ीरों की तरह, मुझसे मिलने के लिए ख़ुद् को सिकन्दर न बना.. !!

क्यो ना गुरूर करू

क्यो ना गुरूर करू मै अपने आप पे…. मुझे उसने चाहा जिसके चाहने वाले हजारो थे!

लगता है आज

लगता है आज ज़िन्दगी कुछ ख़फ़ा है, चलिए छोड़िये कौन सी पहली दफ़ा है..

सुना है सब

सुना है सब कुछ मिल जाता है दुआ से, मिलते हो ख़ुद… या मांगू ख़ुदा से ।।

झूठ बोलते थे

झूठ बोलते थे कितना, फिर भी सच्चे थे हम ये उन दिनों की बात है, जब बच्चे थे हम !!

जहाँ हमारा स्वार्थ

जहाँ हमारा स्वार्थ समाप्त होता हे, वही से हमारी इंसानियत आरम्भ होती हे..

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