अगर फुर्सत के लम्हों मे

अगर फुर्सत के लम्हों मे आप मुझे याद करते हो तो अब मत करना.. क्योकि मे तन्हा जरूर हुँ, मगर फिजूल बिल्कुल नही.

वो रूह में

वो रूह में उतर जाये तो पा ले मुझको इश्क़ के सौदे मैं जिस्म नहीं तौले जाते|

बात हुई थी

बात हुई थी समंदर के किनारे किनारे चलने की.. बातों बातों में निगाहों के समंदर में डूब गए..

ज़िन्दगी हो तो कई

ज़िन्दगी हो तो कई काम निकल आते है याद आऊँगा कभी मैं भी ज़रूरत में उसे|

मांग इतना खून मेरे

मांग इतना खून मेरे ज़ख़्मी ‘दिल से, की बूँद भी न रहे तेरे सिंदूर के लिए..!!

कल ख़ुशी मिली थी

कल ख़ुशी मिली थी जल्दी में थी, रुकी नहीं|

जो दिल की गिरफ्त में

जो दिल की गिरफ्त में हो जाता है, मासूक के रहमों-करम पर हो जाता है, किसी और की बात रास नहीं आती, दिल कुछ ऐसा कम्बख्त हो जाता है, मानता है बस दलीले उनकी, ये कुछ यूँ बद हवास हो जाता है, यार के दीदार में ऐसा मशगूल रहता है, कि अपनी खैरियत भूल कर… Continue reading जो दिल की गिरफ्त में

छलका तो था

छलका तो था कुछ इन आँखों से उस रोज़..!! कुछ प्यार के कतऱे थे..कुछ दर्द़ के लम्हें थे….!!!!

मेरी मासूम मोहब्बत

मेरी मासूम मोहब्बत , की गवाही न मांग मेरी पलकों पे सितारों ने इबादत की है…

जिसे शिद्दत से चाहो

जिसे शिद्दत से चाहो , वो मुद्दत से मिलता है , बस मुद्दत से ही नहीं मिला कोई शिद्दत सै चाहने वाला|

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