Ruki hui thi

Ruki hui thi meri sans mere sine me … use gale na lagate to ghut ke mar jate….

उस देश में

उस देश में औरत का मरतबा कैसे बुलंद हो सकता है, जहाँ मरदों की लड़ाई में गालियां मां -बहन की दी जाती है.!!

कह दो अंधेरों

कह दो अंधेरों से कही और घर बना लें, मेरे मुल्क में रौशनी का सैलाब आया है.

बचपन में जब

बचपन में जब चाहा हँस लेते थे, जहाँ चाहा रो सकते थे. अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए, अश्कों को तनहाई ..

हर रोज़ चली आती

बिन थके बेधड़क हर रोज़ चली आती हैं..!! ख्वाहिशें इतवार को भी..आराम नहीं करतीं..!!

क्यों भरोसा करते हो

क्यों भरोसा करते हो गैरों पर… जब तुम्हें चलना है खुद के पैरों पर…

बहुत ख़ूबसूरती देखी

बहुत ख़ूबसूरती देखी इस ज़माने में.. सब भूल गया जब झाँका तेरी निगाहों में..!”

हथियार तो सिर्फ

हथियार तो सिर्फ शोक के लिए रखा करते हैं , खौफ के लिए तो बस हमारा नाम ही काफी है..

दहशत हमेशा शेरो की

ख़ौफ़ तो कुत्ते भी फैला सकते है……….. पर दहशत हमेशा शेरो की रहती है ……..

ना चाहते हुए भी

ना चाहते हुए भी आ जाता है, लबो पर नाम तेरा.. कभी तेरी तारीफों में, तो कभी तेरी शिकायत मे..!

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