लिपट जाता हूँ माँ से और मौसी मुस्कुराती है मैं उर्दू में ग़ज़ल कहता हूँ हिन्दी मुस्कुराती है उछलते खेलते बचपन में बेटा ढूँढती होगी तभी तो देख कर पोते को दादी मुस्कुराती है तभी जा कर कहीं माँ-बाप को कुछ चैन पड़ता है कि जब ससुराल से घर आ के बेटी मुस्कुराती है चमन… Continue reading लिपट जाता हूँ माँ
Tag: Shayri
सर्टिफिकेट देती है
20 साल की पढाई के बाद यूनिवर्सिटी यह जो डिग्री मिलने का सर्टिफिकेट देती है ना.. यह नोकरी मिलने का सर्टिफिकेट नहीं बल्कि ठोकरे खाने का सर्टिफिकेट है…
राते बढ़ा देती है
सर्द राते बढ़ा देती है सूखे पत्ते की कीमत… वक़्त वक़्त की बात है समय सब का आता है…
हाल -ए-मंजर
हाल -ए-मंजर……… कुछ और है तेरी ख़ामोशी बताती कुछ और है..
लोग सच कहते थे
गम इस बात का नहीं के वो बेवफा थीं…. गम इस बात का है के लोग सच कहते थे….
चाँद ने की होगी
चाँद ने की होगी सूरज से महोब्बत इसलिए तो चाँद मैं दाग है मुमकिन है चाँद से हुई होगी बेवफ़ाई इसलिए तो सूरज मैं आग है……
साथ जूड जाये
अच्छा स्वभाव maths के 0 जैसा हैं दोस्तो जिसके भी साथ जूड जाये उसकी किमत बढा देता हैं….
मतलबी सा बंदा हूँ
न हवस उसके जिस्म की, न शौक उसकी लज़्ज़त का, बिन मतलबी सा बंदा हूँ, उसकी सादगी पे मरता हूँ…..!!!
सौदेबाज़ी करते हैं।
दोस्ती तो बच्चे ही कर सकते हैं, बड़े तो समझौते और सौदेबाज़ी करते हैं।
तेरी हर बात पे
काली रातों को भी रंगीन कहा है मैंने तेरी हर बात पे आमीन कहा है मैंने…..