न हवस उसके जिस्म की, न शौक उसकी लज़्ज़त का,
बिन मतलबी सा बंदा हूँ, उसकी सादगी पे मरता हूँ…..!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
न हवस उसके जिस्म की, न शौक उसकी लज़्ज़त का,
बिन मतलबी सा बंदा हूँ, उसकी सादगी पे मरता हूँ…..!!!