लफ़्ज़ों पे वज़न रखने से नहीं झुकते मोहब्बत के पलड़े साहिब हलके से इशारे पे ही ज़िंदगियां क़ुर्बान हो जाती हैं…
Tag: Pyari Shayari
आसमां में उड़ने की चाह
आसमां में उड़ने की चाह रखने वाले.. कभी जमी पर गिरने की परवाह नहीं करते !!
एक मैं हूँ
एक मैं हूँ कि समझा नहीं खुद को अब तक… एक दुनिया है कि ना जाने मुझे क्या-क्या समझ लेती है…!!
यह भी अन्दाज़ है
तेरी बात “ख़ामोशी” से मान लेना !! यह भी अन्दाज़ है, मेरी नाराज़गी का|
होता नहीं है
होता नहीं है कोई बुरे वक्त में शरीक, .. पत्ते भी भागते हैं खिजां में शजर से दूर.
वो वक्त मेरा नही था
वो वक्त मेरा नही था, इसका मतलब ये नही के वो इश्क नही था|
डूबे कितने रब जाने
डूबे कितने रब जाने,, पानी कितना दरिया जाने|
अपनी इन नशीली आंखो को
अपनी इन नशीली आंखो को जरा झुका दीजीए मोहतरमा.. मेरे मजहब मे नशा हराम है..
जहाँ कमरों में
जहाँ कमरों में क़ैद हो जाती है “जिंदगी”… लोग उसे शहर कहते हैं….!!
सजा देना हमें भी
सजा देना हमें भी आता है… पर तू तकलीफ से गुजरे यह हमें गवारा नहीं…!!!