वो अब भी

वो अब भी आती है ‪ख्वाबों‬ में मेरे, ये देखने की मैं उसे ‪भूला‬ तो नहीं !!

तू जिस दिन

तू जिस दिन करेगा याद मेरी मोहब्बत को, बहुत रोयेगा उस दिन खुद को बेवफा कह के !!

कभी पास बैठ कर

कभी पास बैठ कर गुजरा तो कभी दूर रह कर गुजरा, लेकिन तेरे साथ जितना भी वक्त गुजरा बहुत खूबसूरत गुजरा|

हर कोई भूल जाता है

हर कोई भूल जाता है अपने शहर को, उतरता है जब भी खाबों की डगर को। पा गये हो दोस्त तुम कुछ चार दिन के भूल गये दोस्त, नाता पुराना साथ जिनके।

मै रंग हुँ

मै रंग हुँ तेरे चेहरे का…. जितना तू खुश रहेगा उतना ही मै निखरती जाऊँगी.!!

सच को तमीज़ नहीं

सच को तमीज़ नहीं बात करने की.. जुठ को देखो कितना मीठा बोलता है ।

एहसान जताने का हक

एहसान जताने का हक भी हमने दिया उन्हे साहिब, और करते भी तो क्या करते,प्यार था हमारा कैदी नहीं था…

मैंने कब उससे

मैंने कब उससे रिआयत की गुज़ारिश की थी वो हर इक बात पे एहसान जताता क्यूँ है !

मेरे गुनाहों का

मेरे गुनाहों का हलफ़नामा ज़रा बड़ा है ‘ अपनों की हँसी तकल्लुफ़ जो देती है मुझे ।।

नही छोड़ी कमी

नही छोड़ी कमी किसी भी रिश्ते को निभाने में मैंने कभी… आने वाले को दिल का रास्ता भी दिया और जाने वाले को रब का वास्ता भी दिया…!!!

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