सिर्फ पढने भर का

सिर्फ पढने भर का रिश्ता मत रखिये कभी खैरियत भी तो पूछ लिया कीजिये..!!

सारा बदन अजीब सी

सारा बदन अजीब सी खुशबु से भर गया… शायद तेरा ख्याल हदों से गुजर गया…

यूँ ही आँखें किसी की

यूँ ही आँखें किसी की नम नहीं होतीं। दिल टूटता है पहले, फिर बनते हैं मोती।

दर्द मीठा हो तो

दर्द मीठा हो तो रुक -रुक के कसक होती है, याद गहरी हो तो थम -थम के करार आता है।

दिल की बातें

दिल की बातें दूसरों से मत कहो लुट जाओगे आज कल इज़हार के धंधे में है घाटा बहुत

मैं आदमी हूँ

मैं आदमी हूँ कोई फ़रिश्ता नहीं हुज़ूर मैं आज अपनी ज़ात से घबरा के पी गया….

अब जी के बहलने की

अब जी के बहलने की है एक यही सूरत बीती हुई कुछ बातें हम याद करें फिर से

शेर ओ रूमान

शेर ओ रूमान के वो ख़्वाब कहाँ हैं तेरे वो नुक़ूश-ए-गुल-ओ-महताब कहाँ हैं तेरे

ज़िंदगी जिनसे हो ख़फ़ा

ज़िंदगी जिनसे हो ख़फ़ा, उनसे रूठ जाती है मौत भी शायद ….

ज़िंदगी जिनसे हो

ज़िंदगी जिनसे हो ख़फ़ा, उनसे रूठ जाती है मौत भी शायद

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