ना कोई ख्वाहिश.. …….ना कोई आरजू.. थोड़ी बेमतलब सी है जिंदगी.. फिर भी जीना अच्छा लगता है..।
Tag: Hindi Shayri
ये तो मोहब्बत थी
ये तो मोहब्बत थी तुमसे जो तेरी बेवफ़ाई बर्दास्त कर गया। ऐ बेवफा वरना तेरे सीने से वो दिल निकाल लेता जो मोहब्बत के काबिल ना था।
खुश तो वो रहते हैं
खुश तो वो रहते हैं जो जिस्मो से मोहब्बत करते हैं, रूह से मोहब्बत करने वालों को अक्सर तड़पते देखा है..
कुछ खास जादू नही है
कुछ खास जादू नही है मेरे पास , बस्स बाते मै दिल से करता हूँ !!
वक़्त बीतने के बाद
वक़्त बीतने के बाद अक़्सर ये अहसास होता है, जो अधूरी छूट गयीं, वो ख्वाहिशें ज्यादा बेहतर थीं।
पसीने की स्याही से
पसीने की स्याही से जो लिखते है अपने इरादों को, उनके मुकद्दर के पन्ने कभी कोरे नहीं हुआ करते !!
आइना कुछ ऐसा भी
एक आइना कुछ ऐसा भी बना दे ऐ खुदा जो चेहरा नही नियत दिखा दे…
वो एक रात जला……
वो एक रात जला……. तो उसे चिराग कह दिया !!! हम बरसो से जल रहे है ! कोई तो खिताब दो .!!!
बहते पानी की तरह
बहते पानी की तरह है फितरत- ए-इश्क, रुकता नहीं,थकता नहीं,थमता नहीं, मिलता नहीं…
छत कहाँ थी
छत कहाँ थी नशीब में, फुटपाथ को जागीर समझ बैठे। गीले चावल में शक्कर क्या गिरी ,बच्चे खीर समाज बैठे।