दुआओ को भी

दुआओ को भी अजीब इश्क है मुझसे… वो कबूल तक नहीं होती मुझसे जुदा होने के डर से …

हर मर्ज़ का इलाज़

हर मर्ज़ का इलाज़ मिलता था उस बाज़ार में … मोहब्बत का नाम लिया, दवाख़ाने बन्द हो गये…

जिस कदर मेरी

जिस कदर मेरी ख्वाहिशों की पतंग उड़ रही है, एक न एक दिन कटकर लूट ही जानी है|

समंदर बेबसी अपनी

समंदर बेबसी अपनी किसीसे कह नहीं सकता, हजारों मील तक फैला है फिर भी बह नहीं सकता !!

पहले ढंग से

पहले ढंग से तबाह तो हो ले मुफ़्त में उसे भूल जाएँ क्या …

बेताबी उनसे मिलने की

बेताबी उनसे मिलने की इस क़दर होती है हालत जैसी मछली की साहिल पर होती है

बिन तुम्हारे कभी

बिन तुम्हारे कभी नही आयी क्या मेरी नींद भी तुम्हारी है

अब जी के बहलने की

अब जी के बहलने की है एक यही सूरत बीती हुई कुछ बातें हम याद करें फिर से

किस जगह रख दूँ

किस जगह रख दूँ मैं तेरी याद के चराग़ को कि रोशन भी रहूँ और हथेली भी ना जले।

ना तोल मेरी मोहब्बत

ना तोल मेरी मोहब्बत अपनी दिल लगीं से, देख कर मेरी चाहत को तराजू टूट जाते हैं

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