बिल्कुल जुदा है मेरे महबूब की सादगी का अंदाज, नजरे भी मुझ पर है और नफरत भी मुझसे ही !!
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आज फिर देखा है
आज फिर देखा है मुझे किसी ने मोहोब्बत भरी निगाहों से, और एक बार फिर तेरी ख़ातिर मैंने अपनी निगाहें झुका ली
मोहब्बत भी ईतनी शीद्दत से
मोहब्बत भी ईतनी शीद्दत से करो की, वो धोखा देकर भी सोचे की वापस जाऊ तो किस मुंह से जाऊ !!
तुम न जाने
तुम न जाने किस किस को अच्छे लगते हो, मेरे लिए तो तुम बस मुझे अपने लगते हो !!
लोग आते हैं
लोग आते हैं मेरे घर की दरारें देखने, मुझ से मिलने के अक्सर बहाने कर के…!!
यूँ ना खींच मुझे
यूँ ना खींच मुझे अपनी तरफ बेबस कर के, ऐसा ना हो के खुद से भी बिछड़ जाऊं और तू भी ना मिले .!
जब भी हक़ जता कर
जब भी हक़ जता कर देखा, मुझे हदें बता दीं गईं मेरी !!!
अगर दिल टूटे तो
अगर दिल टूटे तो मेरे पास चले आना ! मुझे बिखरे हुये लोगो से मोहब्बत बहुत है ….
सब का दिल
मैं जो सब का दिल रखती हूँ, सुनो मैं भी एक दिल रखती हूँ…
बंद कर दिया
इश्क का धंदा ही बंद कर दिया साहीब मुनाफे में जेब जले और घाटे में दिल