वो मुहब्बत कैसी

जो बेसब्र ना हो, तो फिर वो मुहब्बत कैसी…..

कोई इल्जाम हो जैसे

सबको फिक्र है अपने आप को सही साबित करने की..! ज़िन्दगी, जिन्दगी नहीं कोई इल्जाम हो जैसे..!!

सच्चे दिल से

सुनो‬.. इस दूनिया मेँ हर वो एक शख्स अकेला हैँ जिसने सच्चे दिल से मोहब्बत की हैँ…!!

डाली झूम उठी

सुब्ह सवेरे कौन सी सूरत फुलवारी में आई है डाली डाली झूम उठी है कली कली लहराई है ।

तोहफा लाने निकला था

आज तोहफा लाने निकला था शहर में तेरे लिए, कम्बखत खुद से सस्ता कुछ ना मिला।।

मैंने भी बदल दिये

मैंने भी बदल दिये ज़िन्दगी के उसूल, अब जो याद करेगा…,सिर्फ वो ही याद रहेगा…!!

इश्क कर लीजिये

इश्क कर लीजिये बेइंतेहा किताबों से… एक ये ही अपनी बात पलटा नहीं करतीं…!!!

मैं अकेला हूं

कहने को ही मैं अकेला हूं.. पर हम चार है.. एक मैं.. मेरी परछाई.. मेरी तन्हाई.. और तेरा एहसास..”

तैरना तो आता था

तैरना तो आता था हमे मोहब्बत के समंदर मे लेकिन… जब उसने हाथ ही नही पकड़ा तो डूब जाना अच्छा लगा…

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