नसीहत सभी देते हैं गम को भुलाने की, बताता वजह कोई नहीं मुस्कराने की…
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गले मिलने को
गले मिलने को आपस में दुआयें रोज़ आती हैं, अभी मस्जिद के दरवाज़े पे माएँ रोज़ आती हैं…
गैरों का होता है
गैरों का होता है,वो मेरा नही होता, ये रंग बेवफाई का सुनहरा नही होता… करते न हम मुहब्ब्त,रहते सुकून से, अंधेरो ने आज हमको,घेरा नही होता… जब छोड़ दिया घर को,किस बात से डरना, यूँ टाट के पैबंद पे पहरा नही होता… दुनिया से इस तरह हम,धोखा नही खाते, लोगों के चेहरों पे,ग़र चेहरा नही… Continue reading गैरों का होता है
लाजवाब कर दिया
लाजवाब कर दिया करते हैं वो मुझे अक्सर.. जब तैयार होकर कहते हैं; कि कुछ कहो अब मेरी तारीफ़ में !
हज़ार दुख मुझे देना
हज़ार दुख मुझे देना, मगर ख़्याल रहे मेरे ख़ुदा ! मेरा हौंसला बहाल रहे ..।
जिस दम तेरे
जिस दम तेरे कूचे से हम आन निकलते हैं, हर गाम पे दहशत से बे-जान निकलते हैं…
एक मुनासिब सा
एक मुनासिब सा नाम रख दो तुम मेरा रोज जिदंगी पूछती हैं रिश्ता तेरा मेरा…
अपनी तन्हाईयों को
अपनी तन्हाईयों को मैं यूँ दूर कर लेता हूँ, अपनी परछाइयों से ही गुफ्तगू कर लेता हूँ। इस भीड़ में किससे करूँ मैं दिल की बात अपने मन के अंदर ही कस्तूरी ढूँढ लेता हूँ। तेरी तकदीर से क्योंकर भला मैं रशक करूँ अपने हाथों में भी कुछ लकीरें उकेर लेता हूँ। हाथ आ जाती… Continue reading अपनी तन्हाईयों को
वक्त सिखा देता है
वक्त सिखा देता है इंसान को फलसफा जिंदगी का फिर तो नसीब क्या लकीर क्या और तकदीर क्या ….
मिलना तो खैर उसको
मिलना तो खैर उसको नसीबों की बात है, देखे हुये भी उसको…..ज़माना गुज़र गया.!!